मैं दर्शको के मनोरंजन के लिए ही फिल्म बनाऊंगा - इश्तियाक़ शेख बंटी
विदाई ,धरती कहे
पुकार के, आदि अनेक हिट फिल्मे देने वाले निर्देशक अशलम शेख के बेटे इश्तियाक़ शेख
'बंटी' भी अपने निर्देशन की पहली फिल्म 'होगी प्यार की जीत' के साथ मैदान में
उत्तर रहे है. आखिर किस तरह की फिल्म है यह और इसकी हाईलाइट क्या है? अन्य फिल्मो
के मुकाबले इसमें नयापन क्या है इन सभी पर हुए खास बात चित के खास अंश;
Eshtiyak shekh banty |
इश्तियाक़
शेख जी फिल्म 'होगी प्यार की जीत' की शुरुवात कैसे हुई?
दरअशल काफी
समय से मेरे दिमाग में एक अच्छा सब्जेक्ट था जिस पर एक फिल्म बनाने की चाहत थी,एक
दिन मैंने वही सब्जेक्ट इस फिल्म के निर्माता राहुल कपूर को सुनाया जिसे सुनकर वे
बहुत प्रभावित हुए,उन्हें काजी पसंद आया. उन्होंने कहा मैं इस सब्जेक्ट पर फिल्म
बनाने को तैयार हूँ, लेकिन जिस तरह आपने फिल्म का सब्जेक्ट सुनाया उसी प्रकार
फिल्म का फिल्मांकन भी होना चाहिए लिहाजा इस फिल्म का निर्देशन भी आप ही करे ,आप
ही इस विषय के साथ पूरा न्याय कर पाएंगे .तो इस प्रकार इस फिल्म से मेरे निर्देशन
की शुरुवात हुई.
होगी प्यार
की जीत' की मुख्य कहानी क्या है?
यह एक गांव
पर आधारित वॉयलेंट स्टोरी है, जिसमे दिखाया गया है की किस तरह दो प्यार करनेवालो
को अपने प्यार के खातिर ज़माने के ठोकर कहना पड़ता है, किस तरह समाज बवाल उन्हें
परेशान करते है लेकिन आख़िरकार ईश्वर उनका साथ देता है और वे एक होते है.तथा समाज
को भी अपनी गलती का अहसास होता है .यही इसकी मुख्य कहानी है. इसकी मुख्य भूमिकाओं
में खेसारी लाल और स्वीटी छाबरा है.जबकि सहयोगी कलाकार है राजन मोदी, अयाज़
खान, बृजेश त्रिपाठी आदि.
आपकी नजर
में होगी प्यार की जीत किस तरह की फिल्म है?
मैं पुरे
आत्मविश्वास के साथ कह सकता हूँ की होगी प्यार की जीत 'एक स्वस्थ मनोरंजक व्
पारिवारिक फिल्म है. इसके प्रोडक्शन वैल्यू है.इसके सब्जेक्ट में नयापन है. इसके कुल 9 गीत है सभी सेच्वक्शनल गीत है. गीतों तथा फिल्म में जरा भी अश्लील नहीं
है.लिजाहा कह सकता हूँ यह फिल्म सभी दर्शको को पसंद आएगी.
इश्तियाक़
जी कुछ अपने बारे में बताइये ?
जैसा की आप
जानते ही है, चर्चित निर्देशक अशलम शेख जे मेरे पिता जी है. अपने पिताजी के साथ
मैंने फिल्म 'धरती कहे पुकार के' से बत्तौर असिस्टेंट शुरुवात की.फिर उनकी
'बिदाई,रखवाला, जनम जन्म के साथ'परिवार, प्यार झुकता नहीं, औलाद आदि में उनके साथ
रहा ,और निर्देशन सीखा. मैं सतीश जैन जी के साथ निरहुआ रिक्शवाला २ और निरहुआ
हिंदुस्तानी में सहायक रहा.
आप
निर्देशन के झेत्र में नए है,लिहाजा शूटिंग के दौरान कोई समस्या आयी आपको ,और
कलाकारो का कितना सहयोग मिला?
नही, शूटिंग के सौरन मुझे
परेशानी नहीं आयी,बल्कि फिल्म के सभी कलाकारों ने सेट पर मेरा पूरा सहयोग दिया और
मेरा मनोबल बढ़ाया, टेक्निकल स्टाफ ने भी मुझे पूरा सहयोग दिया. यही वजह है की फिल्म
अच्छी बन सकी है.इसके लिए मैं निर्माता राहुल कपूर के साथ समस्त कलाकारों का आभारी
हूँ.
क्या आपके
पिताजी अशलम शेख आपके काम को लेकर खुश है?
बिलकुल ,चूँकि
मैंने पिताजी से बहुत कुछ सीखा है लिहाजा उन्हें ख़ुशी है की उनकी लिखी हुयी कहानी
पर मैंने अपने निर्देशन में एक बेहतरीन फिल्म बनायीं है.
भविष्य की
क्या प्लानिंग है आपकी ,किस तरह की फिल्मे बनाना चाह्नेगे ?
देखिये अभी तो पूरा
ध्यान इसी फिल्म 'होगी प्यार की जीत' पर ही है.वैसे २-३ सब्जेक्ट है मेरे दिमाग
में जिन्हें लेकर मैं फिल्म बनाऊंगा ,यहाँ एक बात खास टूर पर कहना चाहूंगा की मैं
सार्थक विषयो पर स्वस्थ मनोरंजक व् पारिवारिक फिल्मे ही बनाऊंगा, जो पुरे परिवार
के साथ देखि जा सके.
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